Madhu varma

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लेखनी कविता -प्यार के बदले - कुंवर नारायण

प्यार के बदले / कुंवर नारायण


कई दर्द थे जीवन में :
एक दर्द और सही, मैंने सोचा --
इतना भी बे-दर्द होकर क्या जीना !

अपना लिया उसे भी
अपना ही समझ कर

जो दर्द अपनों ने दिया
प्यार के बदले...

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